Sunday, June 19, 2011

लोंगो में लोगो की राय लेनी चाहिए

भ्रस्टाचार पर लगाम लगाने के लिए बनाये जा रहे लोकपाल बिल ड्राफ्टिंग कमिटी के सिविल सोसाइटी और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच सहमति नहीं बन पाई ,जिसे लेकर अन्ना हजारे १६ अगस्त से अनसन पर फिर से बैठने का ऐलान कर दिए जिस पर सरकार के सदस्य अपनी अपनी टिप्पणी दे रहे है दो-दो बिल पार्लियामेंट  में रखने की बात हो रही है .
यहाँ पे हम ये कहना चाहते है की यैसे लोगो को बिल ड्राफ्टिंग कमिटी का सदस्य क्यों बनाया गया जो बिल पर १० लोगो की सहमति नहीं बना पाए तो ये पुरे देश के करोडो लोगो को अपने बिल पर कैसे सहमत करेंगे क्या जबरदस्ती लोगो पे थोप देंगे .अगर इन सदस्यों की आपस में सहमती नहीं बन पा रही है तो इसे आम जनता के बीच बहस के लिए रखना चाहिए देश की जनता के बीच से जो सुझाव आये उसे बिल में शामिल करना चाहिए आखिरे इस बिल से आम जनता का ही हित जुड़ा हुआ है जिसका फैसला दस लोग मिल के तय नहीं कर सकते .

तत्काल रिजेर्वेसन पर तो दलालों का कब्ज़ा

आज मै पंडित रविशकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के पास रेलवे रिजर्वेसन काउंटर में रिजेर्वेसन करने के लिए गया था. रेजर्वेसन काउंटर सुबह ८ बजे खुलता है वह यह देख कर बड़ा आश्चर्य हुआ की दलाल काफी सक्रिय है पूर्व में भी एक दिन गया मै ७.३० पर सुबह पंहुचा तो दरवाजे पे एक लिस्ट लगी थी और टला बंद था वह कुछ लोग बैठे थे उन लोगो ने बताया था की ये सबके लाइन में आने का नम्बर है सो मैंने भी अपना नम्बर लगा दिया उतनी सुबह मेरा नम्बर २० था मै लाइन में लग कर अपना टिकट रिजेर्वेसन कराया और वापस आ गया था परन्तु आज जब फिर मै गया तो वही १७-१८ लोग सुबह से उसी प्रकार लाइन में लगे थे पूछने पे पता चला की ये दलाल है बड़ी तादाद में होने के कारण कोई बोलता नहीं और फिर लोग रोज रिजेर्वेसन करने जाते भी नहीं इसलिए पता भी नहीं चलता आज मै दुबारा गया तो पता चला नहीं तो पता भी नहीं चलता .वह उपस्थित एक दलाल बोला मै रत के २.३० बजे से लाइन में लगा हु कोई बोला तत्काल वाले पहले ले ले फिर बाकि के लोग ले .सारे लोगो की बातचीत सुनकर समझ में आया की तत्काल रिजेर्वेसन पर तो दलालों का कब्ज़ा है जब तक आप लाइन में खड़े रहेंगे आपका नम्बर जब तक आएगा तत्काल कोटा बुक हो चूका होगा .लोग लाइन में खड़े खड़े वेटिंग में पहुच जा रहे थे ,गए थे तत्काल के लिए और साधारण में  वेटिंग लेकर लौटे l

देलही पुलिस का अंधापन 

आज शाम  को मै मार्केट में गया था वह दुकान में टी व्ही चल रही थी जिसमे न्यूज़ आ रहा था वह समाचार येसा था की मेरी और मेरे साथ खड़े तमाम ग्राहकों की निगाहे अपने आप चली गयी और सभी लोगो ने बड़े धयान से समाचार को देखने लगे वह समाचार यह था की दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान में हुयी घटना की रिपोर्ट  सुप्रीम को दी है जिसमे दिल्ली पुलिस ने कहा है की रामलीला मैदान में कोई लाठी चार्ज नहीं हुआ इस समाचार के साथ ही न्यूज़ चैनल ने उक्त घटना की रिकार्डिंग भी दिखाई जिसमे साफ दिख रहा है की पुलिस लोगो पर लाठिया बरसा रही है ,इस न्यूज़ को देख वह खड़े सारे लोग हैरान रह गए और सोचने और चर्चा करने लगे की क्या दिल्ली पुलिस के आला अफसरों को या रिपोर्ट तैयार करने वाले कमिश्नर को यह विडिओ फिल्म न्यूज़ में नहीं दिखाई दे रही जो की कई दिनों से लगातार प्रसारित हो रही है ,देश में कुछ लोग अपने आपको इतना होशियार समझाते है की बाकि देश की जनता उन्हें मुर्ख दिखाई देती है ,दिल्ली पुलिस सोच रही है की पूरा देश तो अँधा है उन्हें क्या पता चलेगा की उस रत रामलीला मैदान में क्या हुआ था ,परन्तु दिल्ली पुलिश को ये नहीं मालूम की लोग अंधे नहीं दिल्ली पुलिस खुद aधी है येसा हम सभी को लग रहा है ,दिल्ली पुलिस का झूठा चेहरा साफ दिखाई दे रहा है . 

लोकपाल बिल के लिए आम जनता का सुझाव सरकार को लेना होगा

लोकपाल बिल को लेकर हमने देखा की पिछली बैठक में कोई निर्णय नहीं हुआ और कोई सहमति नहीं बन पाई दो-दो ड्राफ्ट संसद में रखने की बात महामुर्खो ने की उन्हें तो सरम नहीं पर मुझे बहुत सरम आई की जिन लोगो पे भरोसा करके लोंगो ने नेतृत्व उनके हाथ में दिया वे इतने बड़े मूर्खतापूर्ण बात कर रहे है ,मेरा उनसे सवाल यह है की क्या कमिटी में १० सदस्य है तो १० बिल ड्राफ्ट होगा क्या ,

अगर येसा हुआ तो मै देश के १२० करोड़ लोंगो से कहूँगा की सभी १२० करोड़ लोग देश हित के लिए एक - एक बिल तैयार कर संसद को भेजे ताकि हमारे नौकरों को उनकी जबाबदारी समझ में और उन्हें पता चले की उनका मालिक भी होशियार है .

लोकपाल बिल के लिए आम जनता का सुझाव सरकार को लेना होगा क्योकि ये कोई उनके हित या अहित की बात नहीं हो रही है ये देश के १२० करोड़ लोंगो के जीवन से जुड़ा हुआ है, अगर इसमे कोई भी सरकार ने गलती की तो अगला चुनाव सामने होगा फिर उनके मालिक तय करेंगे की किस नौकर को नौकरी पे रखना है .

भ्रस्टाचार को रोकने के लिए jan सत्याग्रह की जरुरत

आज सारा देश भ्रस्टाचार को लेकर चिंतित है,अन्ना हजारे  ने अनशन करके देश में सनशनी  फैला दी.पूरा देश इससे पीड़ित होने के कारण लोंगो ने अन्ना को सर पे बिठा लिया यह देश सरकार और देश राजनितिक पार्टिया घबरा गयी ,चुकी देश में सबसे ज्यादा समय तक कांग्रस ने राज किया है तो सबसे ज्यादा कला धन भी उसी के लोंगो का होगा येसा मन जा रहा हैशायद सरकार इसीलिए जयादा चिंतित भी है, अन्ना के अनशन की सफलता को देखते हुए आनन् फानन में भ्रस्टाचार पैर भासन  देने वाले बाबा रामदेव भी कूद पड़े उन्होंने भी अनशन शुरू कर दिया  .
परिणाम आप सभी के सामने है सरकार को लगा की अगर बाबा से भी सरकार दब गयी तो जगह जगह आन्दोलन शुरू हो जायेगा इसलिए सरकार ने भविष्य की परवाह किये बिना ही बाबा के आन्दोलन को अहिंसात्मक तरीके से कुचल डाला ताकि दूसरा कोई सर न उठा सके .बाबा के अनशन को कुचलने का एक उद्देस्य यह भी समझ में आता है की सरकार यह दिखाना भी चाह रही थी की भ्रस्टाचार के बिरुद्ध बोलने वाले को हम किसी भी हद तक जाकर दबा सकते है .
बहरहाल बाबा को वापस उनके आश्रम पंहुचा दिया गया और एक नाटकीय ढंग से बाबा ने अपना अनशन समाप्त केर दिया और भीड़ को बेवकूफ बनाने के लिए प्रेस वार्ता क़र घोसना कर दी की हम अपना सत्याग्रह जरी रखेंगे ,यहाँ पे एक सवाल मेरे मन में बार -बार उठ रहा है की क्या बाबा को अपने साथियों और आन्दोलन में शामिल करोनो लोगो पे भरोसा नहीं था ? क्या बाबा को ये नहीं पता था की कोई भी आदमी या मंत्री या फिर सरकार उन्हें मार के अपनी कुर्सी गवाना नहीं चाहेगा.पता नहीं क्यों मुझे इसमे सब गड़बड़ झाला लगा .
आज भ्रस्टाचार charam  sima  पे है jiske karan mahgayi बढाती जा रही है इसमें आम आदमी ज्यादा पिस रहा है .जिनके पास अनैतिक तरीको से पैसा आ रहा है उन्हें तो कोई फ़र्क नहीं पड़ता परन्तु आम आदमी तो पिस जा रहा है रोज की दल रोटी,बच्चो की फीस आदि.बाप रे बाप आम आदमी कहा से कमाएगा और कितना कमाएगा .ग्राम को शहर बनाया जा रहा है शहर इतना महंगा है की उसमे रहना मुस्किल है. जब लोग अपने परिवार की छोटी छोटी जरूरतों को पूरा नहीं कर पते तो yahi से भ्रस्टाचार की शुरुआत होती है
जब bachcha  पैदा होता है तो हॉस्पिटल से ही भ्रस्टाचार को देखना शुरू करता फिर रोजमर्रा की जिंदगी बन जाती .मेरा मानना है की जब तक लोगो के विचारो में परिवेर्तन नहीं आएगा तब तक कानून बना लेने से इस समस्या का समाधान नहीं होगा .भ्रस्टाचार को रोकने की शुरुआत हम सभी को अपने अपने घरो से करनी होगी .और हर स्तर पे सत्याग्रह करना होगा जो धीरे धीरे jan सत्याग्रह के रूप में बन जाये .जिस दिन हम अपने घरो,मोहल्लो,ग्राम,समाज को भ्रस्टाचार करने से रोक पाएंगे उस दिन सरकार क्या किसी की भी हिम्मत नहीं होगी की भ्रस्टाचार में लिप्त होने की बात सोचे .हमें आज यैसे गाँधी की जरुरत है जो घर घर में भ्रस्टाचार  के खिलाफ अलख जगा सके . आज तो जो खुद भ्रस्टाचार के खिलाफ बात कर रहे है वो हवाई जहाज और  सी  का लुफ्त उठा रहे है. ये लोग क्या भ्रस्टाचार को रोकेंगे .सब कुछ त्याग क़र गाँधी बनाना  पड़ेगा

Monday, June 13, 2011

curruption in mnrega work in chhattisgarh state

प्रिय मित्रो 
मनरेगा योजना में छत्तीसगढ़ राज्य में हो रही धांधली, भ्रस्ताचार,फर्जी मास्टर रोल,मजदूरी भुगतान में देरी,कार्यो में मशीनों का उपयोग ,फर्जी दलाल आदि बहुत साडी गड़बड़िय हो रही है जिनके बिरुद्ध शिकायते भी हो रही है परन्तु प्रशासन कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहा ,अभी एक पूर्वे मंत्री ने जब शिकायत की तो १८ आधिकारियो को सुरगुजा जिले में निलम्बित किया गया है,यह सिर्फ एक प्रकरण नहीं है यैसे हजारो लाखो प्रकरण मौजूद है लेकिन गरीबो की सुनता कौन है, अब हेर दिन गरीब तो मंत्री के दरवाजे पे खड़ा तो नहीं रहेगा न ,इसी बात का फायदा उठाया जा रहा है मनरेगा योजना में .
अब ८ जिलो में लोकपाल की नियुक्ति हुयी है कार्यालयों में इतनी शिकायते हुयी है की लोकपाल क्या करेगा सरकार वसूली एजेंट बन के रहेगा बस . 
हमारा सिर्फ ये कहना है की गरीब मजदुर अपनी एक दिन का कम छोड़ कर अपनी मजदूरी के लिए कार्यालयों का चक्कर लगता फिरे ,आधिकारी मंत्री और विधायको को अगर वेर्सो वेतन नहीं मिले तो क्या करेंगे .जबकि इनके पास भ्रस्ताचार के माध्यम से भी कमाई होती है तो भी अपने वेतन के लिए वेर्सो नहीं रुक सकते तो एक मजदुर के साथ येसा क्यों उसकी तो कोई उपरी कमाई नहीं होती, 
मनरेगा योजना में इस तरह बड़े पैमाने पे हो रहे भ्रस्ताचार को हमें आगे आकर रोकना ही होगा .
धन्यवाद 
आपका साथी 
संजय शर्मा 
राज्य संयोजक 
ग्राम अधिकार मंच छत्तीसगढ़