भ्रस्टाचार पर लगाम लगाने के लिए बनाये जा रहे लोकपाल बिल ड्राफ्टिंग कमिटी के सिविल सोसाइटी और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच सहमति नहीं बन पाई ,जिसे लेकर अन्ना हजारे १६ अगस्त से अनसन पर फिर से बैठने का ऐलान कर दिए जिस पर सरकार के सदस्य अपनी अपनी टिप्पणी दे रहे है दो-दो बिल पार्लियामेंट में रखने की बात हो रही है .
यहाँ पे हम ये कहना चाहते है की यैसे लोगो को बिल ड्राफ्टिंग कमिटी का सदस्य क्यों बनाया गया जो बिल पर १० लोगो की सहमति नहीं बना पाए तो ये पुरे देश के करोडो लोगो को अपने बिल पर कैसे सहमत करेंगे क्या जबरदस्ती लोगो पे थोप देंगे .अगर इन सदस्यों की आपस में सहमती नहीं बन पा रही है तो इसे आम जनता के बीच बहस के लिए रखना चाहिए देश की जनता के बीच से जो सुझाव आये उसे बिल में शामिल करना चाहिए आखिरे इस बिल से आम जनता का ही हित जुड़ा हुआ है जिसका फैसला दस लोग मिल के तय नहीं कर सकते .